बुधवार, 14 फ़रवरी 2018

आओ सरयू से बात करें -सुखमंगल सिंह 'मंगल'पालीवाल

प्राइमरी पाठशाला मुबारकपुरअंजन 

मैथ हलकर पहले ही 
मास्टर को मैं दिखलाता|
लगा नहीं पाने पर साथी 
पीटा मास्टर से जाता ||
टीचर सारे कड़क थे होते 
तीन सवालतीन में देते |
नैतिकता व पाठ पढ़ाते 
बच्ज्चों को विधिवत बताते ||
मातु-पिताप्रणाम सबेरे 
करने को बतलाते थे | 
गुरु -शिष्य की मित्रता भी 
शुरुवे में सिखाते थे ||

6 टिप्‍पणियां:

  1. "स्कूल जब जाते"
    स्कूल जब भी जाते
    टाट पट्टी पर बिताते।
    सभी सफाई में लग जाते
    दाई माँ छुट्टी जब जाती।
    मिडिल तक जब पढने जाते
    टाट पट्टी पर बिताते।।
    छब्बीस जनवरी मन भाता
    पन्द्रह अगस्त तिरंगा लहराता।
    झंडा हाथ लिए गाता
    बच्चे ताल में ताल मिलिते।।

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  2. वीर तुम बढ़े चलो
    धीर तुम चढ़े चलो
    हाथ में झंडा हो
    भारत का तिरंगा हो।।

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  3. जाना पडता था स्कूल
    झोला टांगे कंधा में
    कर थाम्हे दावात
    तामें कालिख कजरौटे से।

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  4. बहुत बेहतरीन आदरणीय सुखमंगल जी।।

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  5. Viral india बहुत बहुत धन्यवाद ,हार्दिक शुक्रिया

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  6. मुरारी की पुकार
    प्यारी बीती जाले पूरी उमरिया
    पुकारो वृंदावन कृष्ण मुरारी ना।
    रखेंगे लाज नदलाल हमारी
    मुक्ति को धाम कृष्ण मुरारी ।
    करुणा का सागर नटवर नागर
    जीवन की खाली है मेरी गागर।
    मेरी दयानिधि कृष्ण मुरारी
    पुकारो वृंदावन कृष्ण मुरारी ।
    बीते ना पूरी उमरिया प्यारी
    पुकारें नटवर नंद लाल गिरधारी।।

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