बुधवार, 9 अगस्त 2017

"अफसर नहीं आते? "

"अफसर नहीं आते ?"

जीवन के संग्रान सुबह ले आते ,
मस्ती में गुर्राते दारू-दरिया पीते |
गलियों में ग्वाले बदबू हैं फैलाते ,
चिट्ठी कबकी पड़ी अफसर नहिआते ||

7 टिप्‍पणियां:

  1. वो बचपन की बातें
    पटरी पर खडिया की साटे
    चुन चुन मोती अक्षर
    फिर भी कहा निरक्षर।

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  2. प्रेम से सने शब्द
    प्रेयर में खडे क्रमबद्ध
    टीचर मानीटर ताल मिलाते
    सब एक साथ गुनगुनाते।

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  3. बालेपन में स्कूल जाते
    माना बनकर स्वान
    साझ घरपर आते
    दूध दही छककर खाते
    सो जाते लेकर खर्राटे
    जैसे हो कोई पहलवान।

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  4. जब कक्षा पांच में आया
    लाला जी को खूब चिढ़ाया
    लाला जी मानो मर गये?
    खिल्ली मिलकल उडाया।

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  5. मध्य माह जून का अहिरौली रानीमऊ स्कूल आया
    तीन पेड थे आमके एक पीपल के नीचे टाट बिछाया।
    माँ सरस्वती का नाम लेकर पढ़ाई में दिल लगाया
    लालमन और कमला सिंह जी को अपना गुरूबनाया।
    दस बजे से स्कूल जाता चार बजे तक छुट्टी पाया
    मक्का रोटी संग दूध खाया भरपूर कौशल दिखाया।
    ब्रह्मदेव कपिलदेव यासीन ने स्कूल में साथ निभाया
    सुमित्रा जी ओमप्रकाश लाल ने पांच तक हाथ मिलाया।
    गुरुओं ने नैतिक शिक्षा का पाठ हमसब को पिलाया
    भाई बन्धु में भेदभाव का कभी नहीं पाठ सिखाया।।

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  6. "मंगल "
    जब कभी भी वे बैठके से उठकर आते
    दुसरे ही दिन अखबार में न्यूज बन जाते |
    'आप'की उनको ,लेखनी समझे ,न समझे
    लेखनी उनकी,लेखनी को विश्व की मीडिया बताते |

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  7. "मोदी को फिर लाना है "
    -------------------------
    घर - घर जाके हमें -आपको
    सबको यह समझाना है
    मोदी को फिर से लाना है
    भारत भूमि की माटी का
    हमको कर्ज चुकाना है
    मोदी को फिर से लाना है |

    भारत अपना ,पांच साल मे
    पाहुचा उच्च शिखर पर
    चीन - पाक जैसे दुश्मन
    दुबक गये दरबे मे डर कर
    हमारे जवानों का दम- खम
    पूरे विश्व ने जाना है
    मोदी को फिर से लाना है |

    चारो ओर रखवाली हो
    घर-घर मे खुशहाली हो
    बेरोजगारी दूर जा भागे
    खेतों में हरियाली हो
    वैज्ञानिकों ने भी अपना सीना ताना है
    मोदी को फिर से लाना है |

    चोर कौन है, भेद यह खोले
    कवियों की अब कविता बोले
    सच का पहले साथी होले
    चोर के संग न डोले
    सामी नहीं अब गवाना है
    मोदी को फिर से लाना है ||

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