वर्षों बीते निहार रहा हूँ ,कोई न आया मेरे भैया
मेरी-तेरी गलियन में भौचक -औचक घूमे सोंन चिरैया |
का तिरस्कार ही तिरस्कार में ,माँ की ममता की नैईया,
राजनीति के द्वारे दिख रहे ,अपने चाचा -चाची भैया |
मेरी-तेरी गलियन में भौचक -औचक घूमे सोंन चिरैया |
का तिरस्कार ही तिरस्कार में ,माँ की ममता की नैईया,
राजनीति के द्वारे दिख रहे ,अपने चाचा -चाची भैया |
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