पहने पनही पाँव की ,
घर छोड़ चला जाता |
फटे हाल जूता पुराना ,
पहन के चला आता |
कितना प्रेम ह्रदय में ,
उमड़ता भाई नाता|
गिरिजा नंदिनी गीत,
मन ही मन में गाता ||
"गम छोड़ चला " अपनों से साथ रखना , केवल गम का इलाज करना | रिश्तों के पास अपना , वे लम्हे निकल- बिकल गये | जीवन में देखा सपना , सभी धू धू के जल जलते गए | मंगल कहाँ तक जपता, जब सबके सब फिसल गये | जिनके लिए हाँफता, माजरा वे नित पूछते रहे| सारे गम छोड़ चला , तो साथ-साथ लग चले ||
"जय हिन्द " जय हिन्द हमारा नारा है , दुश्मन नें हमें पुकारा है ? हममें देश भक्ति धारा है , कण-कण ने हमें दुलारा है | वन्देमातरमहमें प्यारा है , जहां में सबसे न्यारा है ||
"गम छोड़ चला "
जवाब देंहटाएंअपनों से साथ रखना ,
केवल गम का इलाज करना |
रिश्तों के पास अपना ,
वे लम्हे निकल- बिकल गये |
जीवन में देखा सपना ,
सभी धू धू के जल जलते गए |
मंगल कहाँ तक जपता,
जब सबके सब फिसल गये |
जिनके लिए हाँफता,
माजरा वे नित पूछते रहे|
सारे गम छोड़ चला ,
तो साथ-साथ लग चले ||
"जय हिन्द "
जवाब देंहटाएंजय हिन्द हमारा नारा है ,
दुश्मन नें हमें पुकारा है ?
हममें देश भक्ति धारा है ,
कण-कण ने हमें दुलारा है |
वन्देमातरमहमें प्यारा है ,
जहां में सबसे न्यारा है ||