नवजीवन की अपनी कहानियां
सोमवार, 6 दिसंबर 2021
रस प्रधानता- प्रेम का स्वरुप
रस प्रधानता- प्रेम का स्वरुप
: ''रस प्रधानता- प्रेम का स्वरुप "रति का अनेक अर्थ होता है,भक्ति प्रेम.....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें